Drinking Protein या Eating Protein दोनों में से क्या बेहतर है?

Drinking Protein or Eating Protein

Drinking Protein या Eating Protein: प्रोटीन पीना बनाम प्रोटीन खाना – कौन-सा विकल्प है बेहतर?

प्रोटीन: शरीर का निर्माण करने वाला महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व

प्रोटीन हमारे शरीर की संरचना में अहम भूमिका निभाता है। यह त्वचा, मांसपेशियों, हड्डियों, रक्त, एंजाइम्स और हार्मोन्स का निर्माण करता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस ज़रूरी पोषक तत्व को हमें कैसे लेना चाहिए – पीकर या खाकर?

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भारत में बहुत बड़ी आबादी शाकाहारी है, जिसकी वजह से पर्याप्त प्रोटीन की पूर्ति एक चुनौती बन जाती है। और इसलिए यह सवाल उठता है – Drinking Protein या Eating Protein, कौन-सा बेहतर तरीका है?

इस लेख में हम गहराई से समझेंगे कि आपके लिए प्रोटीन लेने का सही तरीका क्या हो सकता है, आपके शरीर की जरूरतों के हिसाब से।


दैनिक प्रोटीन की ज़रूरत: आपकी उम्र, लिंग और गतिविधि पर निर्भर

हर व्यक्ति की प्रोटीन की ज़रूरत एक जैसी नहीं होती। यह कई चीज़ों पर निर्भर करता है – जैसे आपकी उम्र, लिंग, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति। नीचे दिए गए सामान्य दिशानिर्देश आपको एक विचार देंगे:

पुरुषों के लिए प्रोटीन आवश्यकता:

  • गतिहीन पुरुष (Sedentary): 56-63 ग्राम प्रतिदिन
  • सक्रिय पुरुष (Active): 70-98 ग्राम या इससे अधिक

महिलाओं के लिए प्रोटीन आवश्यकता:

  • गतिहीन महिलाएं: 46-50 ग्राम प्रतिदिन
  • सक्रिय महिलाएं: 57-79 ग्राम या इससे अधिक

बच्चों के लिए प्रोटीन आवश्यकता:

  • शिशु (0-6 महीने): 9-11 ग्राम
  • 1-3 साल: 13-16 ग्राम
  • 4-8 साल: 19-34 ग्राम
  • 9-13 साल: 34-46 ग्राम
  • किशोर लड़के (14-18 वर्ष): 52-61 ग्राम
  • किशोर लड़कियां (14-18 वर्ष): 46-52 ग्राम

👉 टिप: यदि आप एथलीट हैं, गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, या कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है, तो आपकी प्रोटीन की ज़रूरत और भी बढ़ सकती है। ऐसे में डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह जरूर लें।


Protein का शरीर में रोल और उसका भंडारण (Storage)

प्रोटीन एक ऐसा macronutrient है जिसे शरीर स्टोर (store) नहीं कर सकता। इसका मतलब यह है कि इसे हर दिन डाइट से लेना ज़रूरी है। जबकि वसा और कार्बोहाइड्रेट शरीर में स्टोर हो जाते हैं, प्रोटीन का ऐसा कोई भंडारण तंत्र नहीं होता। इसलिए शरीर को रोज़ प्रोटीन की जरूरत पड़ती है।

शाकाहारी लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती यह होती है कि उन्हें “पूर्ण प्रोटीन” (complete protein) मिलना मुश्किल होता है। पूर्ण प्रोटीन वे स्रोत होते हैं जिनमें 9 आवश्यक amino acids होते हैं, जिन्हें शरीर खुद नहीं बना सकता।


शाकाहारियों के लिए प्रोटीन के अच्छे स्रोत

  • दूध और डेयरी उत्पाद
  • टोफू (Tofu)
  • क्विनोआ (Quinoa)
  • दाल-चावल का कॉम्बिनेशन
  • चना और ब्रेड (Hummus & Pita)

👉 टिप: जब आप इन फूड्स को सही तरीके से कॉम्बिनेशन में खाते हैं, तो ये “पूर्ण प्रोटीन” की तरह काम करते हैं।


Eating Protein बनाम Drinking Protein – समझिए दोनों के फायदे और नुकसान

अब सवाल उठता है – क्या हमें प्रोटीन खाने (Eating Protein) से मिलना चाहिए या पीने (Drinking Protein) से? दोनों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए विस्तार से समझते हैं:


Eating Protein – प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना

फायदे (Advantages):

  1. संपूर्ण पोषण: जब आप प्रोटीन खाद्य पदार्थों से प्राप्त करते हैं, तो उसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और हेल्दी फैट भी होते हैं।
  2. तृप्ति (Satiety): चबाकर खाने से पेट ज्यादा समय तक भरा महसूस होता है, जिससे अनावश्यक भूख नहीं लगती।
  3. स्वाद और विविधता: आप अलग-अलग स्वाद और टेक्सचर का आनंद ले सकते हैं। खाना सिर्फ पोषण नहीं, अनुभव भी है।

नुकसान (Disadvantages):

  1. समय अधिक लगता है: प्रोटीन युक्त भोजन पकाने और तैयार करने में समय लग सकता है।
  2. कम पोर्टेबल: व्यस्त जीवनशैली में चलते-फिरते खाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

👉 ह्यूमन टिप: प्रोटीन युक्त स्नैक्स जैसे रोस्टेड चना, मूंगफली, उबले अंडे, या टोफू टिक्की तैयार रखें ताकि जब भूख लगे, तो आप हेल्दी विकल्प चुन सकें।


Drinking Protein – प्रोटीन शेक या सप्लीमेंट पीना

फायदे (Advantages):

  1. सुविधाजनक: जल्दी बनते हैं और पीना आसान होता है।
  2. वर्कआउट के बाद बेहतरीन: शेक शरीर को जल्दी रिकवरी में मदद करते हैं।
  3. सटीक खुराक: आप यह जान सकते हैं कि कितनी मात्रा में प्रोटीन ले रहे हैं।

नुकसान (Disadvantages):

  1. कम पोषण: केवल प्रोटीन तो मिल सकता है, लेकिन फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स की कमी रह सकती है।
  2. स्वाद सीमित: कुछ शेक स्वाद में कृत्रिम लग सकते हैं।
  3. महंगा विकल्प: अच्छे ब्रांड के शेक महंगे हो सकते हैं।

👉 जरूरी सलाह: यदि आप प्रोटीन शेक ले रहे हैं, तो किसी प्रमाणित ब्रांड से खरीदें और लेबल अच्छी तरह पढ़ें। सस्ते सप्लीमेंट में हानिकारक तत्व हो सकते हैं।


ड्रिंकिंग प्रोटीन से होने वाले संभावित दुष्प्रभाव

कुछ लोगों को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  • सिरदर्द
  • सूजन (Bloating)
  • मतली
  • पेट में गैस

इनसे बचने के लिए:

  • प्रोटीन शेक में पानी के बजाय दूध मिलाएं ताकि पाचन में मदद हो।
  • जरूरत से ज्यादा डोज न लें।
  • घरेलू प्रोटीन पाउडर जैसे मूंग दाल पाउडर या पीनट प्रोटीन ट्राई करें।

घर पर बनाएं नेचुरल प्रोटीन पाउडर

सामग्री:

  • मूंग दाल
  • बादाम
  • काले तिल
  • चना

सभी को भूनकर पीस लें और एयर टाइट डिब्बे में स्टोर करें। शेक में मिलाएं या दूध के साथ लें – एकदम नेचुरल और हेल्दी!

खाने वाला प्रोटीन बेहतर क्यों माना जाता है?

जब आप प्रोटीन से भरपूर फूड्स को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो आप केवल प्रोटीन नहीं बल्कि बहुत कुछ और भी ग्रहण करते हैं। यह आपके संपूर्ण पोषण को संतुलित बनाता है।

1. चबाने की प्रक्रिया से मस्तिष्क को संकेत मिलते हैं

चबाकर खाने से मस्तिष्क को यह संकेत मिलता है कि आपने कुछ खाया है, जिससे तृप्ति जल्दी महसूस होती है। इसके विपरीत, प्रोटीन शेक को हम बिना चबाए पी जाते हैं, जिससे पेट जल्दी भरता तो है पर दिमाग को संतुष्टि नहीं मिलती।

2. फाइबर और पोषक तत्वों की उपस्थिति

प्राकृतिक स्रोतों जैसे दालें, सब्ज़ियां, नट्स आदि में न सिर्फ प्रोटीन होता है, बल्कि साथ में फाइबर, विटामिन B, आयरन, कैल्शियम, और जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। यह सब मिलकर आपके शरीर को संपूर्ण पोषण देते हैं जो किसी भी सप्लीमेंट से नहीं मिल सकता।

👉 उदाहरण: यदि आप 100 ग्राम उबली हुई मसूर की दाल खाते हैं, तो इसमें लगभग 9 ग्राम प्रोटीन के साथ-साथ आयरन, फाइबर और विटामिन्स भी मिलते हैं।


क्या सिर्फ शेक से प्रोटीन लेना खतरनाक हो सकता है?

1. अधिक सेवन से किडनी पर दबाव

यदि आप जरूरत से ज्यादा प्रोटीन शेक लेते हैं, खासकर बिना किसी शारीरिक गतिविधि के, तो यह आपकी किडनी पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। शरीर को प्रोटीन से नाइट्रोजन को निकालने के लिए अतिरिक्त काम करना पड़ता है, जिससे लोड बढ़ जाता है।

2. यूरिक एसिड और लीवर पर प्रभाव

ज्यादा मात्रा में शेक लेने से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है, जो गठिया (gout) या जोड़ों के दर्द की वजह बन सकता है। इसके अलावा, कृत्रिम स्वाद और प्रिज़र्वेटिव्स लीवर के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं।

👉 सावधानी: यदि आपको किडनी या लीवर से जुड़ी कोई भी समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट न लें।


प्रोटीन सप्लीमेंट कब लेना फायदेमंद है?

सप्लीमेंट पूरी तरह गलत नहीं हैं। जब सही समय पर और सही मात्रा में लिए जाएं, तो ये सहायक हो सकते हैं।

1. वर्कआउट के बाद (Post-workout recovery)

व्यायाम के बाद मसल्स को तुरंत प्रोटीन की जरूरत होती है ताकि उनकी मरम्मत और विकास हो सके। ऐसे में Whey Protein तेजी से अवशोषित हो जाता है और रिकवरी में मदद करता है।

2. समय की कमी वाले लोग

यदि आप दिनभर ऑफिस या काम में व्यस्त रहते हैं और समय पर खाना नहीं खा पाते, तो एक अच्छा प्रोटीन शेक आपको न्यूट्रिशन गैप को भरने में मदद कर सकता है।

👉 टिप: ध्यान रखें कि शेक भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि एक पूरक है। इसे कभी-कभार इस्तेमाल करें, ना कि नियमित रूप से।


प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों की लिस्ट (100 ग्राम में)

भोजनप्रोटीन मात्रा
सैल्मन मछली (Salmon)25 ग्राम
टोफू (Tofu)8 ग्राम
मसूर दाल9 ग्राम
अंडा13 ग्राम
ग्रीक योगर्ट10 ग्राम
क्विनोआ4 ग्राम
बादाम21 ग्राम
व्हे प्रोटीन पाउडर60-80 ग्राम (ब्रांड पर निर्भर)

👉 सलाह: कोशिश करें कि आपको अपने भोजन से ही अधिकांश प्रोटीन प्राप्त हो। सप्लीमेंट का प्रयोग केवल पूरक के तौर पर करें।


प्रोटीन सेवन का सही तरीका क्या है?

सही तरीका वह है जो आपके शरीर, जीवनशैली और स्वास्थ्य लक्ष्यों के साथ मेल खाता हो। कुछ सुझाव:

  1. भोजन को प्राथमिकता दें: दिन की शुरुआत अंडा या दाल से करें, नाश्ते में पनीर या दही लें।
  2. संतुलित खाएं: केवल प्रोटीन नहीं, कार्ब्स, फैट, फाइबर और मिनरल्स भी ज़रूरी हैं।
  3. वर्कआउट करते हैं तो शेक भी लें: लेकिन संतुलित डाइट के साथ ही।
  4. जवाबदेही बनाएं: रोज़ का प्रोटीन ट्रैक करें – कोई ऐप या डायरी की मदद से।
  5. नेचुरल सप्लीमेंट ट्राई करें: जैसे चिया सीड्स, अलसी के बीज, भुना चना पाउडर, सोया मिल्क इत्यादि।

निष्कर्ष: क्या खाना बेहतर है या पीना?

इसका जवाब है – बैलेंस। अगर आपकी डाइट पूरी नहीं है और आप एक्टिव नहीं हैं, तो पहले खाना सुधारिए। प्रोटीन शेक या सप्लीमेंट केवल पूरक हैं, प्राथमिक स्रोत नहीं।

खाना हमेशा संपूर्ण पोषण देता है। लेकिन कभी-कभी समय की कमी या विशेष फिटनेस गोल्स को पूरा करने के लिए प्रोटीन शेक सही विकल्प हो सकते हैं। सबसे जरूरी है कि आप अपने शरीर की ज़रूरत को पहचानें और उसी अनुसार भोजन करें।

👉 विशेष सलाह: यदि आपके पास कोई मेडिकल कंडीशन है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी प्रकार का सप्लीमेंट न लें।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. क्या प्रोटीन शेक वजन बढ़ाने में मदद करता है?
हाँ, यदि आप शारीरिक गतिविधि के साथ उच्च कैलोरी और प्रोटीन लेते हैं तो प्रोटीन शेक वजन बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

2. क्या डाइट में बहुत अधिक प्रोटीन नुकसानदायक है?
हां, ज्यादा प्रोटीन किडनी और लीवर पर असर डाल सकता है। संतुलन जरूरी है।

3. क्या शाकाहारी लोग पर्याप्त प्रोटीन ले सकते हैं?
बिल्कुल। दालें, सोया, दूध, टोफू, नट्स से पर्याप्त प्रोटीन लिया जा सकता है।

4. क्या बच्चों को प्रोटीन शेक देना चाहिए?
बच्चों के लिए प्राकृतिक फूड्स से ही प्रोटीन देना बेहतर होता है। शेक से बचें जब तक डॉक्टर सलाह न दें।

5. क्या प्रोटीन सप्लीमेंट्स पूरी तरह से सुरक्षित हैं?
यदि प्रमाणित ब्रांड और सही मात्रा में लिए जाएं तो सामान्यत: सुरक्षित हैं। लेकिन फिर भी सलाह लेना बेहतर है।

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